THE GREATEST GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Greatest Guide To sidh kunjika

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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।

नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

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iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।

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